कैंसर क्या है
कैंसर शरीर के किसी भी अंग कि असामान्य कोसिकाओ के अनियंत्रित विभाजन के फल स्वरुप् होने वाला रोग है।कैंसर कोसिकओ के शरीर मे अन्य दूसरे अंगों पर आक्रमण करने या विस्तारित होने कि सम्भाव्य्ता पायी जाती है।यह लक्षण कैंसर को सुदम् अर्बुदो ( benign tumers) से विभेदित् करता है जो स्व्रिर् के दूसरों अंगों मे विस्तरित् नहीं होते ।इस रोग के संभावित लक्षण- गाठ (lump)बनना, अस्मान्य् रक्तस्त्राव् ,दीर्घकालिन् खाशी,अस्पष्टीकृत रूप से वजन कम होना तथा मलोत्सर्ग् मे परिवर्तन होना आदि।हलाकि ये लक्षण किसी अन्य कारण से भी उत्पन्न हो सकते है।
कैंसर एक गंभीर रोग है।100 से भी अधिक प्रकार के कैंसर मानव को प्रभावित करते है। स् न् 2015 मे विश्व मे लगभग 90.5 मिलीयन लोग केन्सर् से ग्रस्त पाये गए तथा लगभग 9 मिलियन लोगो कि इस कारण से मृत्यु हो गई।
कैंसर सिर्फ एक बीमारी नहीं है।बल्कि यह बीमारियों का समूह है जिसकी कुछ खशियत् है जो निम्न है ।
1. इसमें कशिकओ कि अस्मान्य् बढ़त् होती है।
2. इसमें आस पास के ऊतक( tissue) और अंग (organs) को आक्रमण करने कि छ्मता होती है ।
3. अंत मे टयुमर् (tyumour) कि एक ये अवस्था आती है जब उसे हटाया नहीं जा सकता और व्यक्ति कि मृत्यु हो जाती है
कैंसर शरीर के किसी भी हिस्से मे हो सकता है यह किसी भी ऊतक या किसी भी प्रकार कि कोशिकओ मे हो सकता है यह किसी भी व्यक्ति मे हो सकता है।लेकिन विभिन्न केन्सरो के कारण और आयु , वर्ग भिन्न भिन्न होते है
कैंसर के प्रकार
कैंसर को कई भागो मे बाटा गया है
1. कर्सिनोमा( carcinoma)- कार्सिनोमा यह वह कैंसर होता है।जो एपिथिलियम् कशिकओ (epithiliyam cells) से विकसित होता है।ये एपिथिलियम् कोसिकाये मुख्य्त् शरीर के अंग कि अंदरूनी सतह बनती है और त्वचा के बहारी सतह । शरीर के के अंग जिनकी ये अंदरूनी सतह बनती है।बहुताय् मे होते है।जैसे- मुँह, इसोफेगस् ( oesophagus) , (intestines), युटेरस् (uterus) आदि।
सार्कोकेसर कि पहचान
कैंसर कि कोशिकाये असामान्य तरीके स् विभजित् होती है।और इस विभाजन कि मुख्य विशेसता होती है कि इस विभाजन से कोशिकओ कि संख्या बढ़ती जाती है। और उस जगह पर एक लम्प( lupm ) बन जाता है जिसकी विशेषता है कि यह बिना किसी मकसद के होता है यानि कि इस प्रकार के विभाजन कि शरीर को कोई जरूरत नहीं होती और ये वृद्धि किसी भी प्रकार के नियंत्रित नहीं होती है। मतलब यह एक ऑटोनोमस् (autonomous )वृद्धि होती है
कैंसर के कारण
कैंसर होने के कई कारण होते है।कई क्रोनिक् (cronic) बिमारीयो कि तरह कैंसर कई कारणों कि वजह से होने वाली बीमारी है।ये कारण वातावरणीय हो सकते है और अनुवान्शिक्(genetic) भी।
(a) वातावरणीय कारक(environmental fectores)- वातावरणीय करको को 80-90 प्रतिशत केन्सरो कि वजह माना जाता है।
इसके अंतर्गत आने वाले कुछ प्रमुख कारक केन्सर् के लक्षण
भिन्न भिन्न प्रकार के केन्सरो के लक्षण का वर्नन् तो नहीं किया जा सकता पर यदि सामान्य तरीके से देखा जाए तो केन्सरो के हर लक्षण हर् कैंसर से मिलते है।जेसे
लम्फ बनना - ट्युमर् ज्यादातर लम्फ बनाते है ट्युमर् कि इस बढ़त् कि वजाह् से सामान्य कोशिकये कि वजह से धीरे धीरे नष्ट हो जाती है।और उस अंग या शरीर के हिस्से कि कार्य प्रणाली धीरे धीरे कम हो जाती है।उदाहरण के तौर पर अगर कैंसर किसी ग्रंथि मे हो तो धीरे धिरेउस् ग्रंथि से पैदा होने वाले हार्मोन्सए कमी आती है।इस लन्फ् कि वजह से कुछ लक्षण पैदा हो सकते है।जैसे कि लन्फ अगर अमाशय् मे हो तो उसकी वजह से पेट मे खाने के रास्ते मे रुकावत हो सकती है।और मरीज इन् लक्षण के साथ् डॉक्टर के पास आ सकता है।
कैंसर के उपचार
कैंसर का उपचारा उसके प्रकार एवं उसकी अवस्था पर निर्भर करता हैकेन्सर् कि अव्स्था मे यह पता चलता है इसमें कितनी व्रधि हो चुकी है।तथा यह अपने मूल स्थान से कितना फेल चुका है।यदि कैंसर एक हि स्थान पर है या फैला नहीं है।तो उसका उपचार् सर्जरी द्वारा किया जा सकता है।चर्म कैंसर(skin cencer) मे प्राय यह विधि अप्नयि जाती है ।यदि कैंसर स्थानीय लिम्फ नोद्स् (lymph nodes)मे फेल चुका हो।तो इसको भी सर्जरी द्वारा हटाया जा सकता है।यदि कैंसर को सर्जरी के द्वारा नहीं हटाया जा सकता है।तो रेडियो थेरेपी या कीमोथेरेपी द्वारा ऐसा किया जा सकता है।
1. तम्बाकू(tabacco)- तम्बाकू अपने किसी भी रूप मे कैंसर कि वजह हो सकती है जैसे- कि धुम्रपान , तम्बाकू खाना आदि।तम्बाकू कि वजह से होने वाले प्रमुख कैंसर इस प्रकार है।- फेफड़ों का कैंसर(lungs cencer), मुँह का केन्सर्,लेरिन्क्स् का कैंसर(larynx cencer) फेरिन्क्स् का कैंसर (pharynx cencer) इसोफेगस का कैंसर (oesoohagus cencer )ब्लेंडर केन्सर् (bledder cencer) पेन्क्रियाज् कैंसर ( pancreas cencer) और किडनी का कैंसर (kideny cencer)।
2. शराब(alcohol)- शराब के अधिक सेवन कि वजह से कई प्रकार के कैंसर हो सकते है। जिनमें प्रमुख है - लिवर कैंसर (livar cencer), इसोफेजियल का कैंसर (oesephageal cencer) कोलोन् रेक्टल कैंसर (colon- rectal cencer) आदि।
3. भोजन से सम्बन्धित कारक(fectoer releted with food)- भोजन से सम्बन्धित कई कारक है जिनकी वजह से कैंसर हो सकता है स्मोक्द् मछली(smokd fish) कि वजह से स्त्मक् का कैंसर(stomatch cencer)हो सकता है।भोजन् मे मौजूद कई फैबर्स्( faiber) कोलोन् कैंसर (colon cencer) के कारण हो सकते है।ज्यादा वसा युक्त भोजन कि वजह से स्तन कैंसर को सकता है।इसके अलावा कई तरह के अन्य भोजन से कई तरह के कैंसर हो सकते है।खाने मे होने वाली कई तरह कि प्रिजर्वेतिव् (priservatives)और एडिटीव् (additives) भी कई तरह के केन्सर के भी कारण हो सकते है।
4. व्यव्साय से सम्बन्ध्ति कारक - कई तरह के व्यवसाय ऐसे भी होते है जिनको करते हुए व्यक्ति को कुछ ऐसे पदार्थो के संपर्क मे आना पड़ता है।जिनके लगातार सम्पर्क कि वजह से व्यक्ति को कई तरह के कैंसर हो सकते हे।ऐसे पदार्थ जैसे कि- बेनजिन्(benjin), आर्सेनिक्(arsenic), केद्मियम्(cadmium), क्रोमियम्(chromium) के संपर्क कि वजह से व्यक्ति को कई तरह के कैंसर हो सकते है
5. वायरस(virus)- वायरस कई तरह के कैंसर के कारक हो सकते है।ये पाया गया है कि हिपेताइतिस् - बी और हिपेताइतिस् -सी कि वजह् से लिवर कैंसर होता है।ऐसेही एच् आई वि कि वजह से व्यक्ति को कपोसि कर्सोमा हो सकता है ।ली निशानी है।
प्राथमिक ट्युमर्(primary tumour ) दर्शाता है कि कैंसर उसी अंग मे है जहां वो विकसित हुआ है। दितियक ट्युमर् (secodary tumour ) वह् होता है जो कि उसका उद्द्भव् (orgine ) नहीं हुआ है इस दिशा मे मेटास्टैसिस् (metastesis) कहते है।